न्यायाधीश संजय कुमार – प्रोफ़ाइल और प्रमुख पहलू

जब हम न्यायाधीश संजय कुमार, एक अनुभवी जज जो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में कार्य कर चुके हैं. Also known as संजय कुमार (जज), they have built a reputation for fair judgments and strict adherence to constitutional principles.

इस संदर्भ में भारतीय न्यायपालिका, देश की न्यायिक प्रणाली जिसमें हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न ट्रिब्यूनल शामिल हैं का रोल समझना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट, भारत का सर्वोच्च न्यायालय, जो संविधान की व्याख्या और क़ानूनी विवादों का अंतिम समाधान देता है पर संजय कुमार की कई उलटफेरों ने गहरा असर डाला है। उनका कार्य अक्सर हाई कोर्ट, राज्य स्तर के मुख्य न्यायालय जो अपील सुनते हैं और स्थानीय क़ानून लागू करते हैं से शुरू होकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचता है, जिससे "न्यायाधीश का रोल न्यायिक समीक्षा" का सिद्धांत स्पष्ट होता है। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने एक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में अपील किया, जहाँ उस फैसले को उलट कर नई दिशा दी गई – यह एक स्पष्ट सैमान्टिक ट्रिपल है: "न्यायाधीश संजय कुमार ने हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में बदल दिया"। इसी तरह, "सुप्रीम कोर्ट के आदेश भारतीय क़ानून पर गहरा प्रभाव डालते हैं" भी एक प्रमुख संबंध को दर्शाता है।

इन सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, नीचे दिए गए लेखों में आप पाएंगे कि न्यायाधीश संजय कुमार ने किन‑किन मामलों में निर्णय ले कर कानूनी परिदृश्य को बदला। आप उनके करियर के महत्वपूर्ण मोड़, मुख्य फैसले और उनके सामाजिक असर को गहराई से समझ पाएँगे। आइए, इस संग्रह में डुबकी लगाएँ और देखें कि कैसे उनके विचार और न्यायिक दृष्टिकोण भारतीय क़ानून को आगे बढ़ा रहा है।

WBPSC ने 30 अक्टूबर 2025 को ग्रुप A&B परीक्षा तय की, पुराने सिलेबस को लागू किया; सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को परीक्षा स्थगित करने की अनुमति दी, जिससे उम्मीदवारों की तैयारी पर बड़ा असर पड़ेगा।