आईसीसी की ओर से आसिया कप 2025 के भारत-पाकिस्तान मैचों के बाद जारी आदेश ने क्रिकेट दुनिया में एक बड़ी लहर उठा दी है। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हरिस राउफ को दो मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया है, जबकि भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव को 30% मैच फीस का जुर्माना लगाया गया है। यह फैसला 4 नवंबर, 2025 को दुबई में आयोजित बैठक में रिची रिचर्डसन की अध्यक्षता में आईसीसी एलीट पैनल ऑफ मैच रेफरीज द्वारा घोषित किया गया। यह निलंबन और जुर्माने का मुद्दा केवल खेल के नियमों का उल्लंघन नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनीतिक वातावरण को भी दर्शाता है।
क्या हुआ था दुबई में?
आसिया कप 2025 के तीन भारत-पाकिस्तान मैचों (14 सितंबर, 21 सितंबर और 28 सितंबर, 2025) ने केवल क्रिकेट की बात नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गर्व और भावनाओं को भी छू लिया। हरिस राउफ ने 14 सितंबर के सुपर-4 मैच में एक विवादास्पद ‘फाइटर प्लेन’ जेस्चर किया, जिसे भारतीय पक्ष ने दोनों देशों के सैन्य तनाव को याद दिलाने के रूप में लिया। उसी मैच में पाकिस्तान के बल्लेबाज साहिबजादा फरहान ने ‘गनफायर सेलिब्रेशन’ का नाटक किया, जिसकी वजह से भारतीय टीम और दर्शकों में गुस्सा फैल गया। ये घटनाएं दोनों बोर्डों — बीसीसीआई और पीसीबी — ने आईसीसी के पास शिकायत दर्ज करवाने के लिए प्रेरित किया।
निलंबन क्यों और कैसे?
राउफ के खिलाफ दोनों मैचों में आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के अनुच्छेद 2.21 के तहत दो-दो डेमेरिट पॉइंट्स लगाए गए। यह चार डेमेरिट पॉइंट्स, 24 महीने के अवधि में निलंबन का आधार बनते हैं। हर दो डेमेरिट पॉइंट्स एक निलंबन पॉइंट के बराबर होते हैं। इसलिए चार पॉइंट्स का मतलब दो मैचों का निलंबन। राउफ ने आरोप स्वीकार कर लिए, जिससे फॉर्मल हेयरिंग की जरूरत नहीं पड़ी। उसे हर घटना के लिए 30% मैच फीस का जुर्माना भी लगा। इन दोनों मैचों का निलंबन अब पाकिस्तान के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ओडीआई सीरीज (4 और 6 नवंबर, 2025) के अंतिम दो मैचों पर लागू होगा।
सूर्यकुमार यादव का मामला: नमस्ते नहीं, अनदेखा
जबकि राउफ के जेस्चर को तुरंत निशाना बनाया गया, सूर्यकुमार यादव की चुप्पी ने भी तनाव को और बढ़ा दिया। 28 सितंबर के फाइनल मैच के बाद, जब पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने हाथ मिलाने का प्रयास किया, तो भारतीय कप्तान ने उनकी ओर देखा नहीं। आईसीसी ने इसे ‘खेल की भावना के विपरीत व्यवहार’ बताया। यादव को भी 30% फीस का जुर्माना और दो डेमेरिट पॉइंट्स मिले। लेकिन यहां एक अजीब बात है — भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को केवल चेतावनी दी गई, जबकि उन्होंने भी उसी मैच में विवादित व्यवहार किया था। क्या यह दोहरा मानक है? यह सवाल अभी भी बना हुआ है।
क्या हुआ था फाइनल के बाद?
भारत ने 28 सितंबर को फाइनल में पाकिस्तान को हराकर आसिया कप 2025 जीत लिया। लेकिन जब तक आईसीसी का आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ, तब तक ट्रॉफी भी नहीं दी गई। यह अनोखा मामला है — एक टूर्नामेंट का विजेता तो घोषित हो गया, लेकिन उसकी जीत का औपचारिक सम्मान अभी तक नहीं दिया गया। यह निर्णय न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि दर्शकों के लिए भी एक भावनात्मक चोट है। क्या एक खेल की जीत को राजनीति और नियमों के कारण रोका जा सकता है? यह सवाल अब सिर्फ क्रिकेट का नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता का भी है।
क्या आगे क्या?
राउफ के निलंबन के बाद पाकिस्तान की बॉलिंग लाइनअप में बड़ा अंतर आ गया है। उनकी गति और युद्ध के जैसा अंदाज़ टीम के लिए अहम है। उनके बिना दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ओडीआई सीरीज में पाकिस्तान की चुनौती बढ़ गई है। वहीं, भारत के लिए यादव की निलंबन नहीं, बल्कि जुर्माने की सजा ने एक संदेश भेजा — आपका व्यवहार नियमों के खिलाफ है, लेकिन आपका नेतृत्व अभी भी अहम है। क्या यह एक अंतरराष्ट्रीय नियम का नियमित उपयोग है? या फिर दोनों देशों के बीच एक छिपा हुआ राजनीतिक संदेश? यह सवाल अभी भी खुला है।
इतिहास में ऐसा पहली बार?
भारत-पाकिस्तान मैचों में विवाद नया नहीं। 2017 में आईसीसी ने नाम बदलकर एक नियम बनाया था — ‘खेल के भाव के खिलाफ व्यवहार’। लेकिन इतने बड़े मैचों में इतने सारे खिलाड़ियों को एक साथ दंडित करना पहली बार है। यह आईसीसी की ओर से एक स्पष्ट संकेत है कि वे अब ‘खेल के बाहर’ के व्यवहार को भी गंभीरता से ले रहे हैं। यह बदलाव खिलाड़ियों के लिए एक सीख है — आपका अंदाज़ भी खेल का हिस्सा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हरिस राउफ का निलंबन किस आधार पर लगा?
हरिस राउफ को आईसीसी कोड ऑफ कंडक्ट के अनुच्छेद 2.21 के तहत दो अलग-अलग मैचों (14 और 28 सितंबर, 2025) में खेल के भाव के खिलाफ व्यवहार के लिए दो-दो डेमेरिट पॉइंट्स दिए गए। चार डेमेरिट पॉइंट्स 24 महीने की अवधि में निलंबन का आधार बनते हैं, जिसके अनुसार उन्हें दो मैचों के लिए निलंबित किया गया है।
सूर्यकुमार यादव को निलंबन क्यों नहीं हुआ?
सूर्यकुमार यादव को निलंबन नहीं, बल्कि 30% मैच फीस का जुर्माना दिया गया। आईसीसी के अनुसार, उनका व्यवहार नियम का उल्लंघन था, लेकिन यह इतना गंभीर नहीं माना गया जितना राउफ का जेस्चर। यह फैसला विवादित है, क्योंकि उनके व्यवहार ने भी दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया।
आसिया कप की ट्रॉफी क्यों नहीं दी गई?
भारत ने फाइनल जीता था, लेकिन आईसीसी ने आधिकारिक रूप से ट्रॉफी देना रोक दिया था, जब तक सभी अनुशासनात्मक कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती। यह अप्रत्याशित कदम है — एक टूर्नामेंट की जीत को एक नियम के उल्लंघन के कारण टालना।
क्या यह भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव का हिस्सा है?
हां। जेस्चर और अनुशासनात्मक कार्रवाई दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव को दर्शाते हैं। खिलाड़ियों के व्यवहार को राष्ट्रीय गर्व और भावनाओं के साथ जोड़ दिया जाता है, जिससे खेल अक्सर राजनीति का विषय बन जाता है।
जसप्रीत बुमराह को केवल चेतावनी क्यों मिली?
आईसीसी ने बुमराह के व्यवहार को अनुशासनात्मक उल्लंघन के रूप में नहीं देखा, लेकिन यह फैसला अस्पष्ट है। अगर उनका व्यवहार भी विवादित था, तो यह दोहरा मानक लगता है। आईसीसी ने इसके लिए स्पष्टीकरण नहीं दिया।
अगले दिन क्या होगा?
राउफ का निलंबन पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती है। भारत के लिए यादव की नेतृत्व भूमिका अभी भी अहम है, लेकिन उनके व्यवहार को लेकर आईसीसी अब सख्त नीति अपनाएगी। अगले बड़े मैचों में खिलाड़ियों के व्यवहार पर नजर रखी जाएगी।
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